नोबेल पुरस्कार nobel prize

अल्फ्रेड नोबेल 
  • एक दिन एक स्वीडन के एक अखबार में गलती से एक खबर छपी कि डायनामाइट का अविष्कारक मौत का सौदागर मर गया. यह खबर गलती से छपी थी वह व्यक्ति मरा नहीं था. जब वह व्यक्ति प्रातः उठा और उसने यह खबर पढ़ी तो वह आत्मग्लानि से भर गया.अपनी मृत्यु के पश्चात इस रूप में लोग उसे जाने वह यह नहीं चाहता था. इसके बाद उसने अपना सारा जीवन नेक कार्यों में लगा दिया उसने अपनी सारी पूंजी वसीयत बनाकर दान में दे दी. इस पूंजी से ही स्वीडिश सरकार विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार प्रदान करती है. यह व्यक्ति महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल था. 
  • शिक्षा - इस घटना से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने आपको मानवता के लिये समर्पित करना चाहिए ताकि लोग हमें एक अच्छे इंसान के रूप में याद रख सकें. नोबेल पुरुस्कार की शुरुआत 1901 में हुई. पहले यह पांच क्षेत्रों भौतिकी, रसायन शास्त्र, चिकित्सा विज्ञान, साहित्य व शांति के क्षेत्र में दिया जाता था. 1969 से यह अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भी दिया जाने लगा. रविन्द्र नाथ टैगोर इस पुरुस्कार को पाने वाले पहले एशियाई तथा पहले भारतीय थे. 

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