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मैथ्स समांतर श्रेणी

परिभाषा - ऐसा अनुक्रम जिसके पदों के बीच का अंतर सामान होता है उसे समांतर श्रेणी कहते हैं.  उदा. 2, 4, 6, 8, ---------- Is श्रेणी के प्रत्येक पद में 2 का अंतर है जो समान है.  सार्वअंतर - समांतर श्रेणी के द्वितीय पद में से प्रथम पद को घटाने पर सार्वअंतर प्राप्त होता है. इसे d से प्रदर्शित करते हैं.  d =a2-a1 पदों की संख्या - समांतर श्रेणी में जितने पद होते हैं उसे श्रेणी के पदों की संख्या कहते हैं इसे n से प्रदर्शित करते हैं.  प्रथम पद - प्रथम पद को a से प्रदर्शित करते हैँ.  n वा पद - n वें पद को an से प्रदर्शित करते हैं.  n वा पद ज्ञात करने का सूत्र -  an = a + (n-1)d अंतिम पद ज्ञात करने का सूत्र - l = a + (n-1)d सवाल -समांतर श्रेणी 4, 8, 12, --------का n वा पद ज्ञात कीजिये. यदि पदों की संख्या 30 है  हल -  a =4 d =8 -4 =4, n =30          an = a + (n-1)d          an = 4 +(30-1)4          an =4 +29×4          an = 4 + 116       ...

Gk. at a glance

असहयोग आंदोलन 1920 में चलाया गया.  1922 में चोरी -चोरा में हुई हिंसक घटना के फलस्वरूप असहयोग आंदोलन स्थगित किया गया.  13 अप्रेल 1919 को जलिया वाला बाग हत्याकांड जनरल डायर के नेतृत्व में हुआ.  जलिया वाला बाग अमृतसर में है.  1927 में साइमन कमीशन भारत आया.  1905 में बंगाल का विभाजन हुआ.  1928 में बारदोली सत्याग्रह सरदार पटेल के नेतृत्व में हुआ.  इस सत्याग्रह में पटेल की भूमिका की प्रशंसा करते हुए गाँधी जी ने उन्हें सरदार की उपाधि दी.  1930 में महात्माँ गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन हुआ. 

मधुमेह या डाइबिटीस

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पनीर के फूल आज हमारे आज हमारे देश में शक्कर की बीमारी या dibitis एक आम समस्या है. सर्वे बताते हैं कि मधुमेह से पीड़ित 50% लोग हमारे देश में हैं. यह बीमारी गलत जीवन शैली के कारण होती है. आज हमारे जीवन में श्रम का महत्त्व कम हो गया है. जिसके कारण शरीर में शक्कर की मात्रा आवश्यकता से अधिक बढ़ जाती है. हमारा अग्नाश्य इसको नियंत्रित करने वाला इन्सुलिन पैदा करना बंद कर देता है.               इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए कुछ आसान घरेलु नुस्खे हैं जिनका प्रयोग करना चाहिए - सबसे पहला नुस्खा पनीर के फूलों का प्रयोग है. पनीर के फूल किसी भी पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाते हैं. पनीर के दो फूल आधे गिलास पानी में रोज रात को सोने से  पहले भिंगो कर रख देना चाहिए. सुबह उठ कर इस पानी को पी जाइये. यह मधुमेह को जड़ से ख़त्म कर देगा.  रात को सोने से पहले अकाव का पत्ता उल्टा भाग तलवे को स्पर्श करता हुआ बांधकर सोने से भी यह शुगर को पूरी तरह खींच लेता है.  रोज सुबह उठकर कपाल भाती प्राणायाम नियमित रूप से करने से भी मधुमेह से शीघ्र आराम मिलता है...

दिनचर्या कैसे बनाएं

                हमारी दिनचर्या को सुचारु तथा व्यवस्थित कैसे बनाएँ यह आज के युवाओं की महत्वपूर्ण समस्या है. हमारी दिनचर्या को नियमित कैसे बनाया जाए. इसके लिए जरुरी है हम सुबह से ही शुरुआत करें. रोज प्रातः 5 से 5.30 के बीच उठ जाएं. प्रातः उठकर मुँह हाथ धोएं.चाय दूध पीकर  फिर 1/2घंटा योग व मॉर्निंग वाक करें. ठीक 6.15 से 2घंटे पढ़ने बैठ जावें. आप देखेंगे कि आपका पूरा मन पढ़ाई में लगेगा और तन्मयता बढ़ेगी.इसके बाद समाचार पत्र अवश्य पढ़ें.                 तत्पश्चात स्नान करके 15मिनट ईश्वर का ध्यान करें. आप देखेंगे कि आपमें एक नई ऊर्जा का संचार होगा और आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. इसके पश्चात भर पेट भोजन करके स्कूल या कॉलेज जाएं. स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई के साथ -साथ जीवन को अच्छी तरह एन्जॉय करें.               शाम को जब घर आएं तो चाय पीकर कुछ देर टीवी देखें. ततपश्चात खाना खाएं. शाम का भोजन हल्का होना चाहिए. खाना खाकर कुछ देर घूमने अवश्य जाएं. तत्पश्चात पुरे मनोयोग से 7.30 स...

सिंधु जल सन्धि 1960

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                दोस्तों आज सभी के मन में यह प्रश्न उठता है कि यह सिंधु जल सन्धि क्या है. भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह तनाव बढ़ा है उसने भी इस सन्धि को समाप्त करने की माँग को बढ़ा दिया है. पाकिस्तान जिस तरह भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ा रहा है उसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि भारत इस सन्धि को समाप्त कर दे.                 अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर सिंधु जल सन्धि है क्या? जब भारत और पाकिस्तान विभाजन के उपरांत स्वतंत्र हुए थे उस समय उनके बीच कोई जल के वितरण को लेकर कोई निश्चित नीति नहीं थी. यही कारण है कि 1960 में दोनों के बीच सिंधु जल समझौता हुआ. इसका एक कारण यह भी था कि पाकिस्तान को जाने वाली अधिकांश बड़ी नदियों का प्रवाह भारत से होकर जाता था.                 इसी कारण 19 सितम्बर 1960 को भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अय्यूब खान ने विश्व बैंक की मध्यस्थता में सिंधु जल सन्धि पर हस्ताक्षर किये.इस सन्धि में यह माना गया कि ...
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नोबेल पुरस्कार nobel prize

अल्फ्रेड नोबेल  एक दिन एक स्वीडन के एक अखबार में गलती से एक खबर छपी कि डायनामाइट का अविष्कारक मौत का सौदागर मर गया. यह खबर गलती से छपी थी वह व्यक्ति मरा नहीं था. जब वह व्यक्ति प्रातः उठा और उसने यह खबर पढ़ी तो वह आत्मग्लानि से भर गया.अपनी मृत्यु के पश्चात इस रूप में लोग उसे जाने वह यह नहीं चाहता था. इसके बाद उसने अपना सारा जीवन नेक कार्यों में लगा दिया उसने अपनी सारी पूंजी वसीयत बनाकर दान में दे दी. इस पूंजी से ही स्वीडिश सरकार विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार प्रदान करती है. यह व्यक्ति महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल था.  शिक्षा - इस घटना से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने आपको मानवता के लिये समर्पित करना चाहिए ताकि लोग हमें एक अच्छे इंसान के रूप में याद रख सकें. नोबेल पुरुस्कार की शुरुआत 1901 में हुई. पहले यह पांच क्षेत्रों भौतिकी, रसायन शास्त्र, चिकित्सा विज्ञान, साहित्य व शांति के क्षेत्र में दिया जाता था. 1969 से यह अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भी दिया जाने लगा. रविन्द्र नाथ टैगोर इस पुरुस्कार को पाने वाले पहले एशियाई तथा पहले भारतीय थे. 

The memories of nelson mandela

एक बार नेल्सन मंडेला एक बार एक रेस्टोरेंट में भोजन करने गये. उनके साथ उनके सुरक्षाकर्मी भी थे. इस समय मंडेला दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बन चुके थे. मंडेला जाकर एक टेबल पर बैठ गये और भोजन का आर्डर देकर भोजन का इंतजार करने लगे. पास ही की एक टेबल पर एक व्यक्ति बैठा हुआ था जो मंडेला को देखकर काँप रहा था और उनसे नजरें चुरा रहा था. मंडेला ने अपने सुरक्षाकर्मी से कहा उसे भी यहाँ बुला लो वह अकेला बैठा हुआ है. सुरक्षाकर्मियों ने उसे भी बुला लिया. खाना आया सभी ने खाना शुरू किया. वह व्यक्ति भी डरते हुए चुपचाप नीचे मुँह कर भोजन करता रहा और भोजन समाप्त कर चुपचाप वहाँ से चला गया. उसके जाने के बाद एक सुरक्षकर्मी ने मंडेला से कहा कि वह आपके राष्ट्रपति होने के कारण सम्मानवश आपसे डरा हुआ था. मंडेला ने कहा ऐसा नहीं है. रंगभेद विरोधी आंदोलन के दौरान मैं जिस जेल में बंद था वह उस जेल का जेलर था. वहाँ मूझे काफी यातनाएँ दी जाती थीं. जब कभी मूझे प्यास लगती और मैं पानी की माँग करता तो वह मेरे मुँह में पेशाब कर देता था. उसे लगा मैं भी उसके साथ वही व्यवहार करूँगा इसी कारण वह काँप रहा था और उसकी निगाहें झुकी हु...